वाराणसी। महिलाओं से छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाओं के मद्देनजर, वाराणसी के अशोक इंस्टीट्यूट ऑफ पीसी साइंस के 2 कॉलेज छात्रों ने एक बुद्धिमान चाकू बनाया है। यह चाकू आपको मौके पर पहरा देने के लिए पूरी तरह से हथियार नहीं दिखाएगा, हालांकि आपके परिवार के सदस्यों को भी सतर्क करेगा। शालिनी और देवेशा ने इस अच्छे चाकू को सामूहिक रूप से बनाया है।
शालिनी और देवेशा ने आईएएनएस को बताया कि यह चाकू मानक चाकू नहीं होना चाहिए। इसमें एक सिम कार्ड लगाया जाता है, जिससे परेशानी में फंसी महिलाएं अपराधियों से अपना बचाव कर सकेंगी। जैसे ही लड़की चाकू निकालती है, निर्णय आपके द्वारा प्राप्त किए गए तीन नंबरों पर स्थिति के साथ चला जाएगा। यह सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी और ब्लूटूथ पर काम करता है। चाकू में एक बहुत छोटा बटन होता है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से मोइबाल टेलीफोन के संपर्क में रहता है और तत्काल के समय यह बटन सेल के भीतर निर्धारित मात्रा पर निर्णय स्थान के साथ चला जाता है। इस बिंदु तक परिवार के सदस्य और पुलिस सहायता के लिए पहुंचती है, लड़की भी चाकू से खुद का बचाव कर सकती है। धातु से निर्मित इस चाकू का वजन लगभग 70 ग्राम है। 1500 रुपये के निर्माण और मूल्य में 1 महीने का समय लगा।
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यह उनके प्रभाग के श्याम चौरसिया के पाठ्यक्रम के तहत विद्वानों द्वारा बनाया गया है। कॉलेज के छात्रों का कहना है कि लड़कियों की सुरक्षा से जुड़े हर एक मुद्दे को अभी बनाया जा रहा है, हालांकि यह चाकू इस मायने में खास है कि यह सुरक्षा हथियार भी है। इसे बस एक प्रोटोटाइप बना दिया गया है।
अशोक इंस्टीट्यूट वाराणसी एनालिसिस एंड इम्प्रूवमेंट सेल के नियंत्रण में श्याम चौरसिया ने कहा कि अच्छे चाकुओं के माध्यम से, न केवल डराने वालों को डराया जा सकता है, हालांकि पुलिस को भी संदर्भित किया जाएगा, जबकि लोगों की नजर उन्हें गोल कर रही है। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े आकार के आभूषणों के अंदर एक चाकू लगाया गया है जो लोगों की आंखों को आकर्षित कर सकता है। बेटियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से, यह ब्लूटूथ से संबंधित है जो स्थिति के साथ परेशानी में बेटियों की रक्षा कर सकता है।
--IANS

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