Global Hunger Index: भूख सूचकांक के भीतर भारत का स्थान पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी बदतर है। 107 राष्ट्रों की चेकलिस्ट के भीतर, भारत मात्रा 94 पर है, जबकि नेपाल की मात्रा 73 है। पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश इस चेकलिस्ट पर भारत से आगे हैं। इस चेक लिस्ट में जहां पाकिस्तान 88 वें स्थान पर है, वहीं बांग्लादेश इस चेकलिस्ट में 75 वें स्थान पर है।

Global Hunger Index


इससे संबंधित, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी अधिकारियों पर ध्यान केंद्रित किया। राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, "भारत के गरीब तबके के भूखे हैं क्योंकि संघीय सरकार बस अपने कुछ खास 'मित्रों' की जेब भर रही है।" इसके साथ ही राहुल गांधी ने एक ट्वीट के साथ भारत के पड़ोसी देशों की सूची भी पोस्ट की है। इस पर, भारत पड़ोसी देशों से फिर से चाह रहा है।


बता दें कि पृथ्वी पर केवल 13 राष्ट्र हैं जो भुखमरी सूचकांक में भारत से पीछे हैं। उनमें से, रवांडा 97, मात्रा 98 पर नाइजीरिया, मात्रा 99 पर अफगानिस्तान, मात्रा 102 पर लीबिया, मात्रा 103 पर मोजाम्बिक और मात्रा 107 में चाड है। ये राष्ट्र दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल हैं। इस बार विश्व भुखमरी सूचकांक की रेटिंग 107 देशों के लिए शुरू की गई है। इस पर भारत 94 स्थान पर आ गया है।


संघीय सरकार के परिणामस्वरूप भारत के गरीब भूखे हैं, बस अपने कुछ विशेष 'मित्रों' की जेब भर रहे हैं। pic.twitter.com/MMJHDo1ND6


- राहुल गांधी (@RahulGandhi) 17 अक्टूबर, 2020

2019 में, 117 राष्ट्रों की विश्व भुखमरी रिपोर्ट शुरू की गई थी, जिसमें भारत की मात्रा 102 थी। इस बार भारत की रेटिंग निश्चित रूप से मात्रा में सुधार हुई है। हालाँकि रिपोर्ट में कहा गया है कि 27.2 की रेटिंग के साथ भारत एक 'गंभीर' स्थिति में है। भुखमरी का शिकार। इस तथ्य के बावजूद कि भारत की रेटिंग में अंतिम समय की तुलना में सुधार हुआ है, हालांकि इस बार पूरे देशों की विविधता में कमी आई है।


विश्व भुखमरी सूचकांक की रिपोर्ट कहती है कि भारत के लगभग 14% निवासी कुपोषित हैं। भारत के युवाओं के बीच स्थायी प्रभार 37.4 p.c. भी हो सकता है। स्टैंड यंगस्टर्स ये हैं जिनका आकार उनकी उम्र से कम है। इन युवाओं में भयानक कुपोषण है। भारत अपने पड़ोसी देशों जैसे नेपाल, म्यांमार, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया से भी पीछे हो सकता है।


विश्व भुखमरी सूचकांक में 2015 में भारत 93 वें स्थान पर था। इसी समय, यह 2016 में 97 वें, 2017 में एक सौवें, 2018 में 103 वें और 2019 में 202 वें स्थान पर था। दस्तावेज में दिखाया गया है कि भारत में आपदा भूखी रहती है। भारत में युवाओं में कुपोषण के मामलों की स्थिति डरावनी है।